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सफ़रनामा

  • Writer: Kranthi Chand
    Kranthi Chand
  • May 20, 2019
  • 1 min read

Updated: Jun 4, 2020

ज़िंदगी कि राह पर, तू अकेला हि तो हैं

सफर कि हर मोड पर, साथि तो नए हि हैं

प्यार बाँटते तू चल, दिल तो बड़ा तेरा हैं।


आई अजनबी तो क्या, दोस्त बनके रह जाएगी

ख़ुशी साथ मिलन कि, याद घम भुलायेगि

प्यार बाँटते तू चल, दिल भी हलका हो जाएगा।


जित्ने यार हो तेरे, उतना अमीर बनपाए

बात यह समझ तो ले, सब से जल्द जो हो पाए

प्यार बाँटते तू चल, दिल थोड़ा भर पाए।


बुरा न मान, अगर भूल गए लोग तुझे

तुम तो छोड़के चलें, न जाने कितने रास्तें,

प्यार बाँटते तू चल, दिल को मिले नए दास्तें।



Edited by Yamuna Garimella

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